वह मल्लापुरम केरल में एक अच्छी मैथ्स टीचर थी ...
एक दिन
उसकी स्टूडेंट ने रेलवे स्टेशन के पास भीख मांगते हुए देखा .... लेकिन वह ठीक से पहचान नहीं पाई ... लेकिन जैसे ही स्टूडेंट ने जाकर देखा कि वह उसकी क्लास टीचर है। .... जब उसने उसके बारे में पूछा ... उसने कहा कि मेरे सेवानिवृत्त होने के बाद मेरे बच्चों ने मुझे छोड़ दिया और उनके जीवन के बारे में वह नहीं जानते .... इसलिए वह रेलवे स्टेशन के सामने भीख मांगने लगी ..... फिर छात्रा रो पड़ी और उसे अपने घर ले गई और अच्छी पोशाख दी और खाने के लिए और उसके भविष्य की योजना के लिए हर दोस्त से संपर्क किया, जिन छात्रों को उन्होंने पढ़ाया था... और उसे रहने के लिए एक बेहतर जगह पर ले गई.... खुद के बच्चों ने उसे छोड़ दिया .. .लेकिन जिन बच्चों को उसने पढ़ाया था, उन्होंने नहीं छोड़ा ....
यही गुरु शिष्य परम्परा की महानता है ...।
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